अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कहानी-Story of Underworld don Dawood Ibrahim
Story of Underworld don Dawood Ibrahim |
दाऊद इब्राहिम जन्म 26 दिसंबर 1955 एक भारतीय अंडरवॉल्ड डॉन, ड्रग लॉर्ड,और डोंगरी, मुंबई का आतंकवादी है, जो भारत सरकार द्वारा वांछित है। वह कथित तौर पर भारतीय संगठित अपराध सिंडिकेट डी-कंपनी का प्रमुख है, जिसकी स्थापना उसने 1970 के दशक में मुंबई में की थी। इब्राहिम हत्या, जबरन वसूली, लक्षित हत्या, नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवाद सहित आरोपों में वांछित है।
ये तस्वीरें हैं साल 1990 में डॉन की महफिल की इन तस्वीरों में डॉन का पूरा कुनबा नजर आता है। दाऊद के भाई मुस्तकीम के निकाह पर ये महफिल दुबई में हुई थी। 2005 में हमने इन तस्वीरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाया था। उस वक्त किसी ने डॉन के इस रंग को देखा नहीं था। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम 1984 के आस पास मुंबई से भाग गया था। शुरुआत में उसने दुबई को अपना ठिकाना बनाया था। एक वक्त दाऊद भारत में रहकर ही अपना धंधा चलाया करता था।
ये हैं दक्षिण मुंबई की पाकमोडिया स्ट्रीट कभी इन्हीं गलियों में दाऊद घूमा करता था। इन्हीं गलियों में दाऊद ने गुनाह की अपनी दुनिया बसानी शुरू की थी। 1984 में दाऊद इन गलियों को छोड़कर दुबई चला गया था और वहीं से उसने अपनी अपराध की दुनिया बसाई। लेकिन उस वक्त भी दाऊद के परिवार के कई लोग यहीं बसे थे। उसके माँ बाप और भाई नूरा लंबे वक्त तक इसी गली में रहते थे। इन गलियों में कभी दाऊद के जलवे हुआ करते थे। दाऊद की पार्टी भी अपने गुर्गों का दिल बहलाने के लिए थी। ठीक इसी तरह की छोटी पार्टियां दाऊद कभी यहाँ दिया करता था। पाकमोडिया के चौराहे पर छोटा सा स्टेज लगाया जाता था।
फिल्मी दुनिया के कई बड़े सितारों को वहाँ बुलाकर नचाया जाता था। लेकिन आज की तारीख में पाकमोडिया में रहने वाले 10,000 लोगों को उससे कोई मतलब नहीं है। लेकिन इसी गली में है वो इमारत जहाँ दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी का बचपन भी था। दाऊद गली के मुसाफिर खाने में थी दाऊद की पुरानी रिहाइशों इस साल में एक दो कमरों का छोटा सा मकान दाऊद के पिता इब्राहिम कासकर ने खरीदा था। ये वही घर है जस्ट 7 साल की उम्र से रहा करता था दाऊद इब्राहिम 1984 में दुबई भागने तक दाऊद पाकमोडिया स्ट्रीट में इसी मुसाफिरखाना चॉल में
यह एक छोटा सा दो कमरों का मकान है लेकिन इस घर में अब दाऊद से जुड़ा कोई नहीं रहता। दुबई भागने पर ये मकान तो जर्जर हालत में है लेकिन दाऊद का कारोबार नहीं। 1980 के दशक तक दाऊद ने मुंबई पर अपना सिक्का जमा लिया था। दाऊद मुंबई में तस्करी के धंधे में तो था, साथ ही सुपारी लेकर हत्या करवाना और अवैध वसूली जैसे धंधे भी उसने शुरू कर दिए थे। लेकिन दाऊद भारत के लिए मोस्ट वॉन्टेड बना। साल 1993 में मुंबई धमाकों के बाद इन धमाकों के बाद दाऊद दुबई से पाकिस्तान में जा छिपा था और तभी से वही जमा है।
भारत के तमाम दावों के बाद भी पाकिस्तान ये मानने को कभी तैयार नहीं हुआ कि दाऊद कराची में ही छिपा है। हालांकि पाकिस्तान की तरफ से जुबान फिसलने पर सच सामने आ चुका है।
लेकिन तुरंत ही पाकिस्तान अपने पुराने रुख पर लौट गया। पाकिस्तान का आधिकारिक स्टैंड है कि दाऊद कभी पाकिस्तान रहा ही नहीं, लेकिन दिल्ली पुलिस ने जो बातें रेकोर्ड की है उससे साबित होता है कि दाऊद अभी पाकिस्तान में ही छिपा बैठा है और वहीं से बैठकर अपना कारोबार चलाता है। लेकिन सवाल ये है की सच के सामने आने के बाद भी दाऊद भारत के हाथ आएगा क्या?
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